3rd Asia Cup 1988: नवजोत सिंह सिद्धू की शानदार पारी से भारत बना एशिया कप का विजेता श्रीलंका को 6 वकेट से हराया। एशिया कप के तीसरे संस्करण का आयोजन बांग्लादेश में किया गया था। इस टूर्नामेंट में 4 टीमों ने हिस्सा लिया। जिनमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश शामिल रहे। भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबला हुआ। जिसमें भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर अपना दूसरा एशिया कप खिताब जीता था।
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ग्रुप चरण में भारत ने 3 मैच में दो जीते
ग्रुप चरण का पहला मैच पाकिस्तान तथा श्रीलंका के बीच खेला गया। श्रीलंका ने 5 विकेट से मैच जीतकर टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत की। दूसरा मैच बांग्लादेश तथा भारत के बीच खेला गया। भारत ने बांग्लादेश को 9 विकेट से हराकर टूर्नामेंट में बिजली आगाज किया। नवजोत सिंह सिद्धू को मैन ऑफ द मैच चुना गया। तीसरा मैच पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के बीच खेला गया। जिसे पाकिस्तान ने 173 रन के विशाल अंतर से जीता।
चौथा मैच श्रीलंका और भारत के बीच खेला गया। श्रीलंका ने 17 रन से मैच जीत लिया। पांचवा मैच पाकिस्तान तथा भारत के बीच खेला गया। जिसे भारत ने 4 विकेट से जीता। अरशद अय्यूब ने 21 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। ग्रुप चरण का छठा और अंतिम मैच बांग्लादेश तथा श्रीलंका के बीच खेला गया। जिसे श्रीलंका ने 9 विकेट से जीत लिया।
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नवजोत सिंह सिद्धू बने टूर्नामेंट के नायक
इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 4 नवंबर 1988 को बंगबंधु नेशनल स्टेडियम ढाका में श्रीलंका और भारत के बीच खेला गया। भारत ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम 43.2 ओवर में 176 रन बनाकर आउट हो गई। टीम की ओर से दिलीप मेंडिस ने सर्वाधिक 36 रन बनाए। भारतीय गेंदबाज श्रीकांत ने 12 रन देकर तीन विकेट हासिल किए।
177 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 37.1 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 180 रन बनाकर मैच जीत लिया और एशिया कप पर अपना कब्जा कर लिया। भारत का यह दूसरा एशिया कप खिताब था। भारत की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू ने 76 तथा कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने 50 रन की पारी खेली। नवजोत सिद्धू को मैन ऑफ द मैच तथा मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया।