नई दिल्ली: नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट ( राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के तहत भारत की सरकार ने शुक्रवार दिनांक 24 दिसंबर 2022 को मोदी सरकार की कैबिनेट ने लिए गए अपने फैसले में फ्री राशन योजना को 30 दिसंबर 2023 तक सभी नागरिकों को उपलब्ध करवाने का आदेश दे दिया है। मिनिस्टर ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन तथा कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने शुक्रवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी है।
सरकार पर पड़गा अतिरिक्त भार
अब हम सभी को लग रहा होगा कि आखिर फ्री में राशन की व्यवस्था सरकार ने कर तो दी है पर इस योजना में कुल कितना खर्चा सरकार को वहन करना पड़ेगा। तो इसकी जानकारी भी सरकार के मंत्रीजी ने स्वयं दी है। मंत्री जी का कहना है कि सरकार को इस योजना के लिए लगभग दो लाख करोड रुपए का खर्च वहन करना होगा। तो कुल दो लाख करोड़ रुपए एनएफएसए ( राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम) के तहत चलने वाली इस योजना पर खर्च होंगे।
योजना से कितने नागरिकों को मिलेगा लाभ
इस योजना से कितने लोग लाभान्वित होंगे। इसका उत्तर भी स्वयं मंत्री जी ने दिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चलने वाली इस योजना से कुल 81.35 करोड़ लोगों को लाभ मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
योजना को शुरू करने की वजह
आप सभी के चंचल दिमाग में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर सरकार 81.35 करोड़ लोगों को दो लाख करोड़ रुपए खर्च करने के बाद फ्री राशन की व्यवस्था किस लिए कर रही है। इसका जवाब है कि जब से कोरोना वायरस ने दस्तक दी है तभी से भारत सरकार ने इस योजना को शुरू कर दिया था। ऐसे नागरिकों के लिए जिनका कोरोना वायरस में काम धंधा बिल्कुल चौपट हो चुका था। एक तरफ कोरोना वायरस और दूसरी तरफ खाली पेट तब मोदी सरकार ने इस आपदा का हल फ्री राशन योजना को चालू करके निकाला।
जिससे कि कम से कम भारत के ऐसे गरीब नागरिकों को भूखे पेट ना सोना पड़े जिनके काम एवं धंधे एकदम बंद हो चुके हैं। अत्यंत गरीब परिवारों एवं नागरिकों के लिए इस योजना को चालू किया गया था। जिसकी अवधि अब दिसंबर 2023 तक बढ़ा दी गई है।