प्राचीन शिव मंदिर ढवारसी: ढवारसी का प्राचीन शिव मंदिर रामलीला मैदान के नज़दीक स्थित है। मंदिर पर हसनपुर की दिशा से मुख्य बस स्टैंड से आदमपुर मार्ग की ओर से होते हुए श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकते हैं।
मंदिर का इतिहास
ढवारसी के प्राचीन शिव मंदिर का इतिहास करीब 100 साल पुराना है। किसी जमाने में यहां झुंड झाड़ थे। एक घसेरे को घास छीलते समय खुरपे पर टकराकर पत्थर दिखाई दिया था। रात को सपने में बताया गया कि वह पत्थर शिवलिंग है। अगले दिन से ही यहां पूजा अर्चना होने लगी। यह मंदिर पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
500 करोड़ के करीब पहुंची फिल्म एनिमल की कमाई, टूटेंगे कई रिकॉर्ड
मंदिर की विशेषता
इस प्राचीन शिव मंदिर में शिव परिवार, हनुमान जी, मां दुर्गा, शनिदेव तथा गणेश जी की मूर्तियां स्थापित है। भक्तों में इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। सावन तथा फाल्गुन माह में शिव भक्त हरिद्वार और बृजघाट से गंगाजल लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं। मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मन्नत पूरी होती है।
कागज में चल रहा जनपद अमरोहा का इकलौता रेशम फार्म
पंडित जितेन्द्र शुक्ला बतातें हैं कि मंदिर में सावन तथा फाल्गुन माह में शिव भक्त जलाभिषेक करते हैं। सावन माह से पहले ही मंदिर की साफ सफाई और सजावट कर ली गई थी। मंदिर में श्रद्धालुओं के आराम करने की भी व्यवस्था रहती है।
ग्रामीण अमरीश त्यागी बतातें हैं कि सावन माह में सुबह-शाम महा आरती होती है। मंदिर पर पूजा अर्चना के लिए सुबह-शाम भक्तों की भीड़ लगती है। शिव भक्तों की सेवा के लिए सेवादार मौजूद रहते हैं। सच्चे मन से मांगी गई मन्नत इस मंदिर में भोलेनाथ पूरी कर देते हैं।