जब भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर दिलाई मथुरा वासियों को आजादी

KANS MAMA: यदि कहीं मामाओं का जिक्र आता है, तो कंस का नाम जरूर लिया जाता है| जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कंस बहुत ही क्रूर और अहंकारी था| कंस भगवान कृष्ण का मामा था| कंस ने अपने पिता उग्रसेन को राज पद से हटाकर जेल में डाल दिया था और स्वयं शूरसेन का राजा बन बैठा था| शूरसेन साम्राज्य के अंतर्गत ही मथुरा आता था| कंस के काका शूरसेन का मथुरा पर राज हुआ करता था| कंस ने मथुरा को भी अपने साम्राज्य में मिलाकर अपने अधीन कर लिया और वह वहां की प्रजा को तरह-तरह की यातनाएं देकर प्रताड़ित करने लगा|

कंस पूर्व जन्म में कालनेमि नामक असुर था| जिसे भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम ने मार दिया था| कंस के बारे में यह भविष्यवाणी की गई थी कि उसकी बहन देवकी का एक पुत्र उसकी मौत का कारण बनेगा| जिसके चलते वह भयभीत रहने लगा और उसने अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को जेल में डाल दिया| जेल में देवकी और वासुदेव के जो भी संतान होती कंस उसे मार देता|

जब भगवान कृष्ण ने लिया जन्म तो हुआ चमत्कार

भाद्रपद माह की अष्टमी को जब रात्रि के समय देवकी के आठवें पुत्र के रूप में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया तो ऐसा चमत्कार हुआ कि जेल के सभी सैनिक सो गए और दरवाजे स्वयं ही खुल गए| वासुदेव ने सोचा कि कंस के आने से पहले मुझे अपने पुत्र को बचाने का कोई उपाय सोचना होगा| वह रात्रि में ही श्री कृष्ण को नंद बाबा के घर छोड़ आए| जहां माता यशोदा ने उनका पालन पोषण किया| जब बालक भगवान कृष्ण के बारे में कंस को पता चला तो उसने उन्हें मारने के लिए अपने कई राक्षस भेजें, लेकिन सभी को भगवान कृष्ण ने मृत्यु लोक पहुंचा दिया|

तब उसने योजनाबद्ध तरीके से मल्ल युद्ध का आयोजन रखा और उसमें सभी योद्धाओं के साथ श्री कृष्ण और बलराम को भी आमंत्रित किया| वह चाहता था कि वह दोनों को यहां बुलाकर अपने योद्धाओं द्वारा दोनों का वध करवा देगा, लेकिन ऐसा ना सका| उस आयोजन में बड़े भाई बलराम के साथ मिलकर भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर दिया और अपने माता-पिता देवकी और वासुदेव को जेल से मुक्त करा दिया|

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