Shri Ann: मोटे अनाज के इस्तेमाल से कुपोषण एवं मोटापे जैसी समस्याएं होंगी दूर

Shri Ann: मोटे अनाज से शरीर ही नहीं बल्कि मानसिक विकास भी होता है, बीमारियों से लड़ने की सर्वाधिक क्षमता मोटे अनाजों में ही होती है। यह कुपोषण व मोटापे को दूर करता है, मोटे अनाज सभी पोषक तत्वों से पूर्ण होते हैं। इसलिए मोटे अनाजों को किचन में सम्मिलित करें। खेती में भी मोटे अनाज को प्राथमिकता दें। मोटे अनाज का प्रयोग न करने से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। शरीर अवरुद्ध हो रहा है, थाली व खेती में मोटे अनाज को स्थान दें।

मोटे अनाज को खेती के साथ किचन में भी करें शामिल

उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम 2023-24 के अंतर्गत श्री अन्न/मिलेट्स पर अध्यापकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उपनिदेशक कृषि राम प्रवेश व कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी व डॉक्टर प्राची पटेल द्वारा मोटे अनाजों के प्रकार एवं लाभ के बारे में गंभीरता से जानकारी दी गई। मिलेट्स शरीर के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं मानसिक विकास के लिए भी बहुत ही आवश्यक है। आज के जमाने में यह भोजन के रूप में ही नहीं बल्कि दवा के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है।

बीमारी से लड़ने की जितनी क्षमता इस अनाज में होती है, उतनी अन्य किसी अनाज में नहीं होती। आप अपने किचन में मोटे अनाज को सम्मिलित कर भोजन के रूप में प्रयोग करें। खेती में भी मोटे अनाज को स्थान दें। बच्चों का शारीरिक विकास व मानसिक विकास अवरुद्ध हो रहा है। मोटे अनाज हमारे जीवन के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। पहले हम लोग गेहूं, चावल का प्रयोग नहीं करते थे। तब शरीर भी स्वस्थ रहता था और बीमारियां भी हमारे अंदर प्रवेश नहीं करती थीं।

लेकिन जब से हमने मोटे अनाजों की अनदेखी की है। तब से हम लगातार बीमारियों से लड़ रहे हैं। इसको हमें बदलना होगा और अपने किचन में मोटे अनाजों को स्थान देना ही होगा। सभी कृषक खेती में मोटे अनाजों को स्थान दें। जल्द ही मार्केट भी इसके लिए तैयार की जाएगी, ताकि लोग अधिक से अधिक मोटे अनाजों के प्रति जागरूक हो सके।

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फाइबर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है मोटा अनाज

मोटे अनाज में फाइबर एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया में अत्यधिक सहायक हैं। कंगनी में प्रोटीन फाइबर फैट कैल्शियम एवं लोहा पाया जाता है, जो शरीर में शर्करा एवं कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करता है। रागी में कैल्शियम गेहूं की तुलना में 10 गुना से ज्यादा होता है। साथ ही विटामिन ए, विटामिन बी, फास्फोरस, प्रोटीन एवं आहार फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है। ज्वार में प्रोटीन, आहार फाइबर, थायमंड राइबोफ्लेविन, फोलिक अम्ल, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम जैसे खनिज उत्पादन मात्रा में पाए जाते हैं। यह कुपोषण एवं मोटापे जैसी समस्याओं को दूर करता है।

भारत मोटे अनाज के निर्यात में दूसरे नंबर पर

शिक्षक विधायक हरी सिंह ढिल्लों ने कहा कि आज दुनिया में मोटे अनाजों के प्रयोग करने के लिए आवाज उठ रही है। भारत सरकार द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है। पहले यह सब हम प्रयोग करते थे। भारत मोटे अनाज के निर्यात में दूसरे नंबर पर है। हम सब मोटे अनाजों को प्रयोग करने के लिए जागरूक हो और अपने जीवन में इसको प्रयोग करने के लिए प्राथमिकता दें। महिलाओं को भी प्रोत्साहित करें। बच्चों का शारीरिक विकास व मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है, हड्डियां कमजोर हैं। यह सब मोटे अनाजों की कमी के कारण हो रहा है।