बासमती चावल में फफूंदनाशक रसायन अधिक पाये जाने पर निर्यात में कमी

AMROHA NEWS: जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने जनपद के बासमती धान उत्पादक कृषकों को परामर्श देते हुए कहा है कि कृषि और प्रसंस्करण खाद्य विकास निर्यात प्राधिकरण (एपीडा) भारत सरकार ने सूचित किया है कि यूरोपियन यूनियन द्वारा बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर (MRL) 0.01 ppm निर्धारित किया गया है। बासमती चावल में फंफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल निर्धारित MRL से अधिक पाये जाने के कारण निर्यात में कमी आई है।

60 दिनों  के लिए बासमती धान में प्रतिबन्धित

निर्यात में विगत वर्ष 15 प्रतिशत की गिरावट आने के कारण उ०प्र० शासन, कृषि अधिसूचना के माध्यम से कीटनाशी अधिनियम 1968 ( अधिनियम संख्या 46 सन् 1968 ) की धारा 27 की उपधारा (1) के अधिन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधिसूचना के गजट में प्रकाशित किये जाने के दिनांक से कृषि रक्षा रसायन ट्राइसाइक्लोजोल, बुप्रोफेजिन, एसिफेट, क्लोरोपाइरीफास, हैक्साकोनोजोल, प्रोपीकोनाजोल, थायोमैथक्साम, प्रोफोनोफास, इमिडाक्लोप्रिड एवं कार्बेन्डाजिम को 60 दिनों की अवधि के लिए बासमती धान में प्रतिबंधित किया गया है।

प्रतिबंधित रसायनों की बिक्री बन्द

अतः किसान भाइयों से अपील है कि धान में उपरोक्त 10 रसायनों के स्थान पर कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन (आईपीएम) अपनाने की गई संस्तुति के अनुसार कीट रोग नियन्त्रण करना सुनिश्चित करें| जनपद के समस्त कीटनाशक विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि अगले 60 दिनों की अवधि तक उपरोक्त रसायनों की बिक्री तत्काल बन्द कर दें, अन्यथा कीटनाशी अधिनियम 1968 के अन्तर्गत विधिक कार्रवाई की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए अपने ब्लॉक की कृषि रक्षा ईकाई एवं जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमरोहा कार्यालय में सम्पर्क करें।

सम्पर्क नं० 7983845127, 8650128597