RATAN TATA: रतन टाटा अपने पिता रतनजी दादाभाई टाटा व माता सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान थे। उनके पिता रतनजी देश के अग्रणी उद्योगपति जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई थे। उनकी मां फ्रांसिसी थीं, इसलिए उनका ज़्यादातर बचपन फ्रांस में ही बीता और फ्रेंच उनकी पहली भाषा बन गई। रतन टाटा के भाई (सौतेले) नोएल टाटा को टाटा ग्रुप का सम्भावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है। वह टाइटन सहित टाटा की कई कंपनियों में बोर्ड मेंबर हैं।
बता दें कि रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और उनकी कोई संतान नहीं है। रतन टाटा अपना समय अपने परिवार के साथ बिताते थे। उनका परिवार अपने ब्रांड की तरह ही काफी बड़ा है, जिसमें उनके छोटे भाई जिमी टाटा और नोएल टाटा हैं। रतन टाटा के एक भाई के बच्चे माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा हैं।
जीवन और कार्य एक प्रेरणा
प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। जिनके निधन से न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में शोक की लहर दौड़ गई। रतन टाटा का जीवन और कार्य एक प्रेरणा बनकर उभरे हैं और उनकी कमी को महसूस करना सभी के लिए कठिन होगा।
दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता
रतन टाटा ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की और टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता ने टाटा समूह को एक नई दिशा दी। जिससे यह न केवल एक सफल व्यवसाय बना बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी अग्रणी रहा। वे हमेशा सामाजिक उत्थान और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट किया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट किया कि भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।