ऋषिकेश में सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? ऋषिकेश कब जाना चाहिए?

Rishikesh Uttrakhand: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। ये जगह पवित्र मंदिरों, घाटों, आश्रमों और सदाबहार जंगलों से घिरी है। उत्तराखंड में हरिद्वार और ऋषिकेश दो सबसे पवित्र स्थानों में से एक हैं। हम आपको ऋषिकेश में रहने और खाने के कुछ प्रसिद्ध होटल और रेस्टोरेंट के बारे में बताने वाले हैं। इस शहर में घूमने की कई अच्छी जगह हैं। ये घाट पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है जो कि ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है।

पर्यटकों को अधिकतम पर्यटन आनंद के लिए मार्च-अप्रैल की शुरुआत से मई के पहले सप्ताह तक ऋषिकेश की यात्रा करनी चाहिए, क्योंकि इस पहाड़ी शहर में कुछ पर्यटन गतिविधियों के लिए यह सबसे अच्छा समय है। साथ ही इन महीनों के दौरान मौसम सुहावना रहता है। यदि आप परिवार सहित इस शहर जा रहे हैं तो पहले वहां के बारे में संपूर्ण जानकारी कर लेनी चाहिए।

स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी पर नीलकण्ठ महादेव मन्दिर

  • लगभग पांच हजार पांच सौ (5,500) फीट की ऊंचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर
  • नीलकण्ठ महादेव मन्दिर स्थित है।
  • कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था।
  • विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था।
  • भगवान शिव को तभी से नीलकण्ठ नाम से जाना जाता है।

यूपी बोर्ड परीक्षा पास करने के लिए आजमाएं ट्रिक, आसानी से मिलेगी सफलता

ऋषिकेश में गंगा नदी के आलावा यमुना और सरस्वती

  • ऋषिकेश आने वाले पर्यटक अधिकतर लोग दो चीजें खरीदना काफी पसंद करते हैं।
  • चंदन की चेन और ज्वैलरी।
  • इन दोनों ही चीजों के लिए आपको ऋषिकेश शहर में सुधा चंदन महल का दौरा अवश्य करना चाहिए।
  • यह ऋषिकेश का बहुत ही प्रसिद्ध स्टोर है।
  • इस लोकप्रिय स्टोर में आपको ज्वैलरी से लेकर मोतियों की सजावटी वस्तुओं का अच्छा कलेक्शन देखने को मिल जाएगा।
  • उत्तराखंड ऋषिकेश में गंगा नदी के आलावा यमुना और सरस्वती नदी भी बहती हैं।
  • इस शहर में जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम हुआ है, उस स्थान को त्रिवेणी घाट के नाम से जाना जाता है।

हरिद्वार की तुलना में ऋषिकेश में कम होटल

  • पर्यटक आमतौर पर एक दर्शनीय स्थल के रूप में ऋषिकेश आते हैं।
  • इसीलिए हरिद्वार की तुलना में ऋषिकेश में कम होटल हैं।
  • जबकि ऋषिकेश को प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है और वह ऊंचाई पर स्थित है।
  • इसके आलावा यह कलकल करती गंगा के किनारे स्थित है।
  • जबकि गंगा की शांति हरिद्वार को अवस्थित करती है।

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से लगभग तीन हजार पांच सौ (3,500) फीट की ऊंचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मुनी की रेती से नीलकंठ महादेव मंदिर सड़क मार्ग से 30-35 किलोमीटर जबकि नाव द्वारा गंगा पार करने पर 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ये हैं ऋषिकेश के सस्ते और प्रसिद्ध होटल

गंगा नदी के किनारे हिमालय की तलहटी में स्थित ऋषिकेश प्रमुख मंदिरों और आश्रमों के कारण लोकप्रिय है। यह अपने आध्यात्मिक अध्ययन के केंद्रों के लिए भी जाना जाता है। ऐसी जगहों को देखने के लिए लोग हर वीकेंड पर यहां शांति के कुछ पल बिताने के लिए आते हैं। अगर आप भी इस वीकेंड पर यहां घूमने के लिए जा रहे हैं तो जरा यहां के सस्ते होटलों पर एक नजर डाल लें। ये होटल आपको कम से कम कीमत में हर जरूरत की सुविधाएं देने में मदद करते हैं।

  • परमार्थ निकेतन आश्रम
  • भारत हेरिटेज सर्विसेज
  • गीता भवन आश्रम

इनके आलावा यहां कई और भी फ्री आश्रम हैं। जहां आप मुफ्त में ठहर सकते हैं और आपको यहां मुफ्त खाना भी मिल सकता है।

ऋषिकेश में खाने में प्रसिद्ध है ये स्टाल

ऋषिकेश में एक 50 साल पुराना चांट का स्टॉल बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर जो स्वादिष्ट चांट मिलता है उसके स्थानीय लोग तो दीवाने हैं ही, लेकिन यहां आने वाले पर्यटक भी खुद को इस स्वाद से जुदा नहीं रख पाते हैं।