जब अहंकार में चूर शनिदेव का हनुमान जी ने तोड़ा घमंड, पूंछ में बांधकर घुमाया

Pouranik katha: भक्त हनुमान रामसेतु के समीप प्रभु श्रीराम के ध्यान में मग्न थे। उसी समय सूर्य पुत्र शनिदेव समुद्र तट पर टहल रहे थे। उन्हें अपनी शक्ति एवं पराक्रम का बहुत अधिक अहंकार था। वे मन ही मन सोच रहे थे कि मुझमें अतुलनीय शक्ति है। सृष्टि में मेरे समान कोई नहीं है। इस … Read more